एसआईपी (सिप) क्या है - पूरा रूप, अर्थ, निवेश के लाभ, प्रकार, और कैसे करें
  • Personal
  • Business
  • Corporate
  • Private Banking
  • Privy League
  • NRI Services
  • Investors
  • Personal
  • Business
  • Corporate
  • Private Banking
  • Privy League
  • NRI Services
  • Investors

अगर आप म्युचूअल फंड में निवेश के लिए एक ऐसा विकल्प खोज रहे हैं जिसमें कम राशि से थोड़ा थोड़ा निवेश किया जा सके तो एसईपी (SIP) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। SIP क्या है? इसमें निवेश कैसे करते हैं? इस गाइड में इससे जुड़ी सारी जानकारी दी गई है जिससे आप एसआईपी को अच्छे से समझ पाएँ।

एसआईपी (SIP) कैसे काम करता है ?

SIP एक तरीका है जिससे आप म्युचूअल फंड में नियमित रूप से कम धन राशि के साथ भी निवेश कर सकते हैं। इसका मतलब होता है सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान। यह उन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जिनकी आय कम हो या जो नियमित रूप से निवेश करना चाहते हैं।

इसकी मदद से आप मात्र 500 रुपए से भी म्युचूअल फंड में निवेश कर सकते हैं, इसीलिए पिछले कुछ समय से इसकी लोकप्रियता बढ़ने लगी है और बहुत लोग इसे करने लगे हैं।

एसआईपी (SIP) के फ़ायदे

वैसे तो एसआईपी में निवेश करके आप अपने लिए बचत और ग्रोथ दोनों ही करते हैं परंतु इसके अलावा भी एसआईपी करना बहुत फ़ायदेमंद होता है। इसके लाभ नीचे दिए गए हैं:

  1. SIP में निवेश करके आप कम्पाउन्डिंग का लाभ उठा सकते हैं। जितने ज़्यादा समय तक आप निवेश करते हैं, उतना ही आपको रिटर्न भी मिलता है। 
  2. यह आपको निवेश में फ़्लेक्सिबिलिटी प्रदान करता है। अगर आप एसआईपी करते हैं और आपकी चलती एसआईपी के दौरान बाज़ार में कोई गिरावट आए तो आप तुरंत इसको रोक सकते हैं या बंद कर सकते हैं।
  3. एसआईपी करके आप आयकर पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।
  4. इसमें आप निवेश का अंतराल अपनी सहूलियत के अनुसार चुन सकते हैं जैसे आप सालाना निवेश करना चाहते हैं या हर महीने।
  5. आप एसआईपी करने के लिए अपने पेमेंट्स को ऑटोमेट भी कर सकते हैं जिससे पैसे हर महीने अपने आप आपके बैंक से निवेश हो जाते हैं। इससे आपका समय भी बचत है।

एसआईपी (SIP) में निवेश क्यों करना चाहिए ??

आपको एसआईपी में निवेश अवश्य करना चाहिए क्यूंकि इसकी मदद से आप को बचत और नियमित निवेश की आदत पढ़ जाती है और आपको वित्तीय तौर पर सुरक्षा मिलती है। जब आप हर महीने थोड़े थोड़े करके निवेश करते हैँ तो कम्पाउन्डिंग के कारण आप एक अच्छी राशि जमा कर लेते हैं जिससे आप अपने किसी वित्तीय लक्ष्य जैसे घर खरीदना, आसानी से पूरा कर सकते हैं। साथ में आप रिटायरमेंट के बाद के लिए भी पैसे जोड़ पाते हैं।

एसआईपी में क्योंकि आप एक साथ ज़्यादा पैसे न डालकर छोटी छोटी किश्तों में निवेश कर पाते हैं तो इससे आपकी जेब पर बोझ नहीं पड़ता, इन सब कारणों कि वजह से आपको एसआईपी में ज़रूर निवेश करना चाहिए।

एसआईपी (SIP) निवेश कैसे शुरू करें ?

एसआईपी में निवेश करने के लिए आप नीचे दिए स्टेप्स का पालन कर सकते हैं:

  1. पहले अपने लिए सही म्युचूअल फंड का चयन करें जिसके लिए बेहतर होगा आप थोड़ी रिसर्च करें।
  2. आपको म्युचूअल फंड निवेश के लिए अकाउंट खोलना होगा जो कि आप कोटक महिंद्रा बैंक के साथ ऑनलाइन भी खोल सकते हैं। कोटक की वेबसाइट या ऐप से आवेदन करना आसान प्रक्रिया है।
  3. ऑनलाइन आवेदन फ़ॉर्म में अपनी जानकारी भरें और ज़रूरी दसतावेज़ अपलोड करें, फिर आपकी डिटेल्स और दस्तावेज़ वेरिफ़ाई होने के बाद आपका अकाउंट खुल जाएगा।
  4. उसमें आपने जो फंड चुना है उसकी SIP आप, प्लान की राशि, और समय चुनने के बाद ऑटोमैटिक पेमेंट सेट करके कर सकते हैं और फिर हर महीने आपके अकाउंट से निवेश होता रहेगा।

निवेश करने के बाद आपको अपने SIP की ग्रोथ को हमेशा ट्रैक करते रहना चाहिए।

एसआईपी (SIP) के प्रकार

एसआईपी के प्रकार समझकर आप अपने लिए सही एसआईपी आसानी से थोड़ी रिसर्च करके चुन सकते हैं। इसके 7 प्रकार होते हैं:

  1. रेगुलर एसआईपी: इसमें आप एक नियमित एसआईपी में निवेश राशि और फ्रिक्वेंसी सेट कर सकते हैं। इसमें आप फिक्स्ड राशि निवेश करते हैं और नियमित अवधि में स्वचालित रूप से वह चलती है।
  2. फ्लेक्सिबल एसआईपी: इसमें आप अपनी वित्तीय परिस्थिति और बाज़ार की स्थिति के अनुसार निवेश राशि बदल सकते हैं। इसको फ्लेक्स एसआईपी या फ्लेक्सी एसआईपी भी कहा जाता है।
  3. टॉप - अप एसआईपी: SIP का यह प्रकार आपको अधिक निवेश की अनुमति देता है। आपके करेंट प्लान के दौरान ही, जब आपके पास निवेश के लिए अधिक पैसा उपलब्ध हो, तो आप अपनी निवेश राशि बढ़ा सकते हैं।
  4. स्टेप - अप एसआईपी: आप इसमें पूर्व निर्धारित अंतराल पर एसआईपी का उपयोग करके एसआईपी राशि बढ़ा सकते हैं।
  5. ट्रिगर एसआईपी: ट्रिगर एसआईपी में निवेश तभी होता है जब कोई विशेष घटना होती है। यह विशेष घटना एक सकारात्मक बाज़ार प्रवृत्ति या लक्षित एनएवी लेवल भी हो सकता है।
  6. परपेचुअल एसआईपी: जब भी आप sip करते हैं तो उसमें शुरुआत की डेट तो डाल देते हैं पर वो खत्म कब होगी आप में से ज़्यादातर लोग यह नहीं डालते। तो जिस भी एसआईपी में खत्म होने की डेट नहीं होती वो परपेचुअल एसआईपी बन जाती है।
  7. मल्टी एसआईपी: आप इसमें केवल एक एसआईपी से ही विभिन्न फंड हाउस योजनाओं में निवेश करने का लाभ उठा सकते है।
  8. बीमा के साथ एसआईपी: इसमें इंश्योरेंस और एसआईपी के फ़ायदे एक साथ आपको मिल सकते हैं। आपका पैसा म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है, फंड हाउस आपको उस पर जीवन बीमा पॉलिसी प्रदान करता है। यदि निवेश अवधि के दौरान निवेशक की अप्रत्याशित रूप से मृत्यु हो जाती है, तो यह बीमा पॉलिसी उनके नॉमिनी को मिल जाती है।

Latest Comments

Leave a Comment

200 Characters


आगे पढ़िए
best-sip-plans-for-5-years-investment-t

एसआईपी (सिप) क्या है

types-of-mutual-funds-in-india-t

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड और उनके प्रकार क्या है?

types-of-mutual-funds-in-india-t

नेट एसेट वैल्यू (NAV) क्या है?

और लोड करें