ईएलएसएस म्यूचुअल फंड - ईएलएसएस फंड क्या है और भारत में निवेश कैसे करें
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ईएलएसएस फंड क्या है?

आप निश्चित ही चाहेंगे कि आपका पैसा सिर्फ सुरक्षित ही न रहे, बल्कि बढ़ता भी रहे। इसके अतिरिक्त यदि टैक्स पर छूट मिल जाये तो इससे बेहतर और क्या होगा। इस सन्दर्भ में, एक सही निति के साथ निवेश करना सबसे उचित तरीका है। ऐसे में ईएलएसएस म्यूचुअल फंड आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। ईएलएसएस यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम, एक खास तरह का म्यूचुअल फंड है। इसमें इक्विटी इन्वेस्टमेंट के लाभ के साथ सेक्शन 80C के तहत टैक्स पर छूट मिलती है। आप सालाना रु. 1.5 लाख तक टैक्स बचा सकते हैं।

आइए, इस लेख में हम जानते हैं कि ईएलएसएस फंड के फ़ायदे क्या है व यह कैसे काम करता है, इसमें कैसे निवेश करें, टैक्स के फ़ायदे, क्यों करें इसमें निवेश और निवेश से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए शुरू करते हैं!

ईएलएसएस म्यूचुअल फंड की विशेषताएं

ईएलएसएस म्यूचुअल फंड में आप कमाई के साथ-साथ टैक्स में भी बचत कर सकते हैं। आइए इसकी अन्य विशेषताओं के बारे में जानते हैं:

  • लंबी अवधि के लिए: ईएलएसएस में कम से कम 3 साल के लिए निवेश करना होता है। इससे आपका पैसा लंबे समय तक बाज़ार में रहता है और अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
  • निवेश की आज़ादी: आप अपनी सुविधा के अनुसार हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम जमा कर सकते हैं (एसआईपी) या एकमुश्त भी निवेश कर सकते हैं।
  • टैक्स छूट के कई रूप: निवेश पर छूट के अलावा, मैच्योरिटी पर 60% राशि टैक्स-मुक्त होती है। कुछ शर्तों के साथ लॉन्ग टर्म कैपिटल प्रतिलाभ पर भी छूट मिलती है।

ईएलएसएस म्यूचुअल फंड द्वारा दिए जाने वाले कर लाभ?

ईएलएसएस म्यूचुअल फंड न सिर्फ़ आपके पैसे को बढ़ाते हैं, बल्कि टैक्स बचाने में भी आपकी मदद करते हैं। आइए जानें कैसे:

  • डबल छूट: ईएलएसएस में निवेश पर आपको इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत रु. 1.5 लाख तक की छूट मिलती है। मान लीजिए आपने रु.1 लाख का निवेश किया, तो आपकी टैक्स देयता में से रु.1 लाख कम हो जाएगा।
  • लंबी अवधि, कम टैक्स: इसमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। 3 साल बाद मिलने वाला रिटर्न लॉन्ग टर्म कैपिटल प्रतिलाभ माना जाता है। पहले रु.1 लाख तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल प्रतिलाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता!
  • छूट का और फ़ायदा: मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि का 60% पूरी तरह टैक्स-मुक्त होता है। बाकी 40% को आप एन्युटी के रूप में ले सकते हैं।
  • निवेश की आज़ादी: आप हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम जमा करके (SIP) में भी निवेश कर सकते हैं। यह आपके लिए सुविधाजनक और किफ़ायती होता है।
  • लंबी अवधि के लिए बेहतर: शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव होता है, लेकिन लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है। ईएलएसएस लंबी अवधि के निवेश के लिए एक बेहतर विकल्प है।

टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करना चाहिए?

आप भी टैक्स बचाना चाहते हैं और पैसा बढ़ाना चाहते हैं? तो टैक्स बचाने वाले म्यूचुअल फंड (ईएलएसएस) आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। ये सिर्फ़ टैक्स बचाने का ही नहीं, बल्कि लंबे समय में अच्छी कमाई का भी मौका देते हैं। आइए जानें कैसे:

  • कई कंपनियों में निवेश: ईएलएसएस अलग-अलग कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। इससे जोखिम कम होता है और कमाई की संभावना बढ़ जाती है।
  • थोड़ी रकम से शुरुआत: आपको बहुत बड़े रकम की भी आवश्यकता नहीं है। मात्र रु.500 से भी शुरुआत कर सकते हैं।
  • हर महीने थोड़ा-थोड़ा जमा करें: एसआईपी के ज़रिए हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम जमा कर सकते हैं। इससे निवेश करना आसान हो जाता है।
  • आप जितना चाहें उतना निवेश करें: आप अपनी ज़रूरत के हिसाब से जितना चाहें उतना निवेश कर सकते हैं।
  • लंबी अवधि के लिए निवेश करें: ईएलएसएस में कम से कम 3 साल के लिए निवेश करना होता है। इससे लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

टैक्स बचत के लिए सर्वोत्तम म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले विचार करने योग्य कारक

टैक्स बचाने और पैसा बढ़ाने के लिए ईएलएसएस म्यूचुअल फंड बेहतरीन विकल्प है, पर निवेश से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। आइए जानें वो कौन-सी ज़रूरी बातें हैं:

  • जोखिम उठाने की आपकी क्षमता: हर फंड अलग जोखिम स्तर रखता है। जितना ज़्यादा जोखिम, उतना ज़्यादा मुनाफ़ा हो सकता है, लेकिन नुकसान की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए पहले सोचें कि आप कितना जोखिम उठा सकते हैं।
  • फंड का पिछला प्रदर्शन: किसी भी फंड में निवेश करने से पहले उसका पिछले कुछ सालों का प्रदर्शन ज़रूर देखें। इससे आपको अंदाज़ा हो जाएगा कि फंड ने कैसा काम किया है। हालांकि, याद रखें कि पिछला प्रदर्शन भविष्य की गारंटी नहीं देता।
  • खर्च अनुपात: हर फंड एक छोटा सा चार्ज लेता है, जिसे खर्च अनुपात कहते हैं। जितना कम खर्च अनुपात, उतना ही आपके लिए अच्छा। कम खर्च का मतलब है कि आपका ज़्यादा मुनाफ़ा आपके पास ही रहेगा।
  • एग्जिट लोड: कुछ फंड्स समय से पहले पैसा निकालने पर पेनल्टी लगाते हैं, जिसे एग्ज़िट लोड कहते हैं। निवेश करने से पहले पता कर लें कि चुने हुए फंड में एग्ज़िट लोड है या नहीं और कितना है।

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