घर का नक्शा और डिज़ाइन (Ghar Ka Naksha & Design): वास्तुशास्त्र के साथ बनाएं मकान का नक्शा
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क्या आप अपने खुद के घर का सपना सच करने के बारे में सोच रहे हैं और एक सुंदर मकान बनाना चाहते हैं? तो फिर आपको सबसे पहले अपने घर का नक्शा तैयार करना चाहिए। आपको ध्यान रखना होगा की नक्शा आपकी भूमि के साइज़ के अनुसार और कानूनी तौर पर वैध हो ताकि घर बनाते समय कोई समस्या न आए। इस गाइड में नक्शा बनाने से जुड़ी आवश्यक जानकारी दी गई है ताकि आप एक अच्छा नक्शा और फिर अच्छा घर बना सकें।

घर का नक्शा क्या होता है ?

घर बनाने से पहले कागज़ पर घर का एक रूप तैयार किया जाता है जिसे घर का नक्शा कहते है। नक्शा एक चित्र की तरह होता है जो बताता है की घर का लेआउट कैसा दिखेगा। यह आपको घर का एक अंदाज़ा देता है और बताता है कि प्रत्येक कमरा एक-दूसरे से कनेक्ट कैसे होगा।

मकान का नक्शा और प्लॉट की दिशा

प्राचीन काल से ही भारत में कई सारे शास्त्र हुए हैं, जिन में एक बहुत महत्वपूर्ण शास्त्र है वास्तु शास्त्र। वास्तु शास्त्र, वास्तु का विज्ञान है जो कि प्रकृति और एनर्जी के बारे में बताता है। इस विज्ञान की मदद से आप अपने घर के वातावरण को सकारात्मक बना सकते हैं और नकारात्मक ऊर्जा को घर से दूर रख सकते हैं।

मकान का नक्शा और प्लॉट की दिशा वास्तु शस्त्र के अनुसार होनी चाहिए। वास्तु के अनुसार प्लॉट का आकार चौकोर होना चाहिए। वास्तुकार बताते हैं की सकारात्मक ऊर्जा कुछ दिशाओं में अधिक होती है, तो कुछ दिशाओं में नकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है। उत्तर और पूर्व दिशा की ओर के एंट्रेंस वाले प्लॉट, घर की समृद्धि के लिए लाभदायक माने जाते हैं।

घर के नक्शे की आवश्यक विशेषताएं और लाभ

अगर आप नक्शा बनवाते हैं तो वह आपको घर की बेहतर समझ और सुधार की संभावना देता है।

इसकी कुछ विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

  1. टॉप व्यू: नक्शा आपको आपके घर का ऊपर की ओर से चित्रण देता है जिससे आपको दीवारों, दरवाजों, खिड़की, सामान आदि का सटीक लेआउट मिलता है।
  2. 2 डी और 3 डी : यह दो प्रकार के होते हैं: 2डी और 3डी। 2डी नक्शा एक ब्लूप्रिंट है जो 'सपाट' होता है और इसमें वस्तुओं की गहराई या ऊंचाई नहीं होती। जबकि 3डी नक्शे में वो लेआउट होता है, जिसमें गहराई, ऊंचाई और परिप्रेक्ष्य का भी पता चलता है।
  3. पूरे जगह का सही उपयोग: नक्शा प्लॉट के आकार और एरिया को सही तरह से उपयोग में लाता है। इसकी मदद से आप कम जगह में ज़्यादा किफ़ायती और सुंदर निर्माण कर सकते हैं।

घर नक्शे के लाभ

किसी भी घर को बनाने से पहले उसका नक्शा बनाना चाहिए। इसके लाभ नीचे दिए गए हैं:

  1. यह घर में रहने वालों की ज़रूरतों पर विचार करके बनाया जाता है ताकि घर की कार्यक्षमता को अधिकतम किया जा सके। यह सुनिश्चित करता है कि हॉल, रसोई, बाथरूम आदि सब सुविधाजनक स्थान पर हो साथ ही उनमें आना जाना आसान हो।
  2. अच्छी तरह से तैयार किया गया नक्शा प्राकृतिक प्रकाश, वेंटिलेशन और इन्सुलेशन के उपयोग का भी ध्यान रखता है, जिससे ऊर्जा की खपत और लागत को कम करने में मदद मिलती है।
  3. क्योंकि घर की लंबाई चौड़ाई के हिसाब से पहले ही दीवारों के आकार का, आने जाने के रास्तों, कमरों का चित्र डॉक्यूमेंट कर लिया जाता है, इससे काम करने वाले इंजीनियर और बाकी कन्स्ट्रक्शन वर्कर्स का समय और आपके पैसे दोनों बचते हैं।
 

वास्तु के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. वास्तु के अनुसार घर का नक्शा में प्लॉट कैसा होना चाहिए ?

वास्तु के अनुसार, प्लॉट आयताकार या चौकोर होना चाहिए। उत्तर-पूर्व दिशा में खुला स्थान छोड़ना उत्तम माना जाता है। दक्षिण-पश्चिम कोण को भारी और ऊंचा रखना शुभ होता है।

2. क्या भगवान की तस्वीर को स्टोर रूम में रखना उचित है ?

नहीं, वास्तु और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान की तस्वीरें स्टोर रूम में नहीं रखनी चाहिए। इन्हें पूजा घर या सम्मानजनक स्थान पर रखना उचित माना जाता है।

3. वास्तु के अनुसार बेडरूम का सही आकार क्या माना जाता है ?

वास्तु के अनुसार, बेडरूम आयताकार होना चाहिए। यह संतुलित और सुखदायक वातावरण सुनिश्चित करता है। बेडरूम का दरवाजा पूर्व, उत्तर या पश्चिम दिशा में होना चाहिए।

4. शौचालय से नकारात्मक ऊर्जा को रोकने का उपाय क्या है ?

वास्तु के अनुसार, शौचालय को उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। इसका दरवाजा हमेशा बंद रखें और वेंटिलेशन का ध्यान रखें। साफ-सफाई और उचित वेंटिलेशन से नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।

5. क्या ज्योतिष किसी तरह वास्तु से संबंधित है ?

हां, ज्योतिष और वास्तु दोनों भारतीय परंपराओं के अंग हैं और दोनों दिशा, समय और ग्रहों की स्थिति पर आधारित होते हैं। वे एक-दूसरे के पूरक हैं।

6. क्या घर का नक्शा BHK के साथ - साथ बड़े घरों के लिए भी लागू है ?

हां, वास्तु नियम BHK (बेडरूम, हॉल, किचन) व्यवस्था के साथ-साथ बड़े घरों के लिए भी लागू होते हैं। ये नियम घर के हर हिस्से में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा सुनिश्चित करते हैं।

7. क्या एक ही प्लॉट पर दो बिल्डिंग बनाना सही है ?

एक ही प्लॉट पर दो बिल्डिंग बनाना वास्तु के अनुसार उचित हो सकता है, बशर्ते कि दोनों भवनों के बीच पर्याप्त दूरी और सही दिशा निर्देश का पालन किया जाए।

8. इंडस्ट्रियल प्लॉट का न्यूनतम आकार क्या है ?

इंडस्ट्रियल प्लॉट का न्यूनतम आकार विशिष्ट क्षेत्रीय नियमों और उद्योग की प्रकृति पर निर्भर करता है। आमतौर पर, यह उद्योग की आवश्यकता और स्थानीय प्राधिकरण के नियमों के अनुसार होता है।

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