राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (एनपीएस) पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा विनियमित परिभाषित पेंशन अंशदान उत्पाद है।
भारतीय निवासियों के बीच पेंशन और सेवानिवृत्ति योजना को प्रोत्साहित करने के लिए, पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) दिवस के रूप में मनाता है। सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन स्कीम द्वारा वित्तीय आत्मनिर्भरता का महत्त्व समझाने के लिए (PFRDA) अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस अभियान का प्रचार करता है।
पीएफआरडीए का लक्ष्य है कि इस अभियान से भारत के सभी नागरिक अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पेंशन कोष बनाने के लिए प्रेरित हों। एनपीएस सदस्य सेवानिवृत्ति के बाद टैक्स में कटौती, कंपाउंडिंग और नियमित आय का लाभ उठा सकेंगे।
एनपीएस दिवस मानाने की शुरुआत साल 2021 में पीएफडीआरडीए (PFRDA) द्वारा हुई थी।
महत्वपूर्ण तथ्य
भारत के सभी नागरिकों (चाहे वह नौकरी करते हों या स्वरोज़गार से जुड़े हों) को पेंशन और सेवानिवृत्ति योजना की अहमियत समझने, इसे बढ़ावा देकर सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय तौर पर स्वतंत्र होने का सन्देश देने के लिए पेंशन नियामक द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली दिवस (एनपीएस दिवस) मनाया गया।
एनपीएस दिवस अभियान का उद्देश्य सभी नागरिकों, को पेंशन कोष बनाने और सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय रूप से सुरक्षित भविष्य प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
पेंशन दिवस का पहला आयोजन साल 2021 में पीएफडीआरडीए द्वारा एक पहल के हिस्से के रूप में किया गया था। इससे पेंशन और सेवानिवृत्ति योजना का प्रचार करने, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को इससे जोड़ने और लोगों को इसके बारे में जानकारी देकर सेवानिवृत्ति जीवन को चिंता मुक्त बनाने की कोशिश की जा रही है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली क्या है ?
राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (एनपीएस) पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा व्यवस्थित एक बाज़ारी पेंशन योगदान उत्पाद है। बुजुर्ग लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पेंशन-सह-निवेश योजना को लाया गया है। इस योजना के अंतर्गत, केंद्रीय रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी के द्वारा स्थायी रूप से सेवानिवृत्ति खाता संख्या बनाई जायेगी और उनका ध्यान रखा जाएगा।
एनपीएस बाज़ार से जुड़े हुए रिटर्न देता है। एनपीएस के अंतर्गत सभी संपत्ति का मालिकाना अधिकार नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट (एनपीएसटी) के पास है। इसे पेंशन व्यस्थापक द्वारा स्थापित किया गया था। इस स्कीम में, पीएफआरडीए-रेगुलेटेड फंड प्रबंधकों के द्वारा व्यक्तिगत रूप से बचायी गयी धन राशि को सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट डिबेंचर और निफ़्टी 200 कंपनीज़ के शेयरों जैसी विविध संपत्तियों में निवेश किया जाता है। इन निवेशों से जो भी रिटर्न आता है उसके आधार पर बचत बढ़ती है।
एनपीएस स्कीम में खाते दो प्रकार के होते हैं :
एनपीएस टियर 1 खाता : यह एक नॉन-विड्रॉल पेंशन खाता है जो आपको अपनी सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने में मदद करता है। इस खाते में किए गए योगदान को शेयर, बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों जैसी विभिन्न संपत्तियों में निवेश किया जाता है।
एनपीएस टियर 2 खाता : यह एक स्वैच्छिक बचत खाता है जो आपको टियर 1 में किए गए अनिवार्य योगदान के अलावा अतिरिक्त योगदान करने की अनुमति देता है। यह खाता आपको निकासी और निवेश विकल्पों के मामले में अधिक स्वतंत्रता देता है।
पीएफआरडीए के बारे में
पीएफआरडीए यानी पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम द्वारा स्थापित एक सांविधिक व्यस्थापक है जो कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंदर में आता है। भारत में पेंशन के समग्र पर्यवेक्षण और व्यस्थापन की ज़िम्मेदारी पीएफआरडीए की है। इसकी स्थापना पीएफआरडीए अधिनियम के तहत की गयी थी। वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और एनपीएस ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए इसे फरवरी 2014 में अधिसूचित किया गया था।
भारत सरकार की राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में टियर 1 और टियर 2 के बीच अंतर को समझें। निवेश, लाभ, और टैक्स से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ देखें।
राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (एनपीएस) पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा विनियमित परिभाषित पेंशन अंशदान उत्पाद है।
भारतीय निवासियों के बीच पेंशन और सेवानिवृत्ति योजना को प्रोत्साहित करने के लिए, पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) दिवस के रूप में मनाता है। सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन स्कीम द्वारा वित्तीय आत्मनिर्भरता का महत्त्व समझाने के लिए (PFRDA) अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस अभियान का प्रचार करता है।
पीएफआरडीए का लक्ष्य है कि इस अभियान से भारत के सभी नागरिक अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पेंशन कोष बनाने के लिए प्रेरित हों। एनपीएस सदस्य सेवानिवृत्ति के बाद टैक्स में कटौती, कंपाउंडिंग और नियमित आय का लाभ उठा सकेंगे।
एनपीएस दिवस मानाने की शुरुआत साल 2021 में पीएफडीआरडीए (PFRDA) द्वारा हुई थी।
महत्वपूर्ण तथ्य
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली क्या है ?
राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (एनपीएस) पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा व्यवस्थित एक बाज़ारी पेंशन योगदान उत्पाद है। बुजुर्ग लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पेंशन-सह-निवेश योजना को लाया गया है। इस योजना के अंतर्गत, केंद्रीय रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी के द्वारा स्थायी रूप से सेवानिवृत्ति खाता संख्या बनाई जायेगी और उनका ध्यान रखा जाएगा।
एनपीएस बाज़ार से जुड़े हुए रिटर्न देता है। एनपीएस के अंतर्गत सभी संपत्ति का मालिकाना अधिकार नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट (एनपीएसटी) के पास है। इसे पेंशन व्यस्थापक द्वारा स्थापित किया गया था। इस स्कीम में, पीएफआरडीए-रेगुलेटेड फंड प्रबंधकों के द्वारा व्यक्तिगत रूप से बचायी गयी धन राशि को सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट डिबेंचर और निफ़्टी 200 कंपनीज़ के शेयरों जैसी विविध संपत्तियों में निवेश किया जाता है। इन निवेशों से जो भी रिटर्न आता है उसके आधार पर बचत बढ़ती है।
एनपीएस स्कीम में खाते दो प्रकार के होते हैं :
पीएफआरडीए के बारे में
पीएफआरडीए यानी पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम द्वारा स्थापित एक सांविधिक व्यस्थापक है जो कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंदर में आता है। भारत में पेंशन के समग्र पर्यवेक्षण और व्यस्थापन की ज़िम्मेदारी पीएफआरडीए की है। इसकी स्थापना पीएफआरडीए अधिनियम के तहत की गयी थी। वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और एनपीएस ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए इसे फरवरी 2014 में अधिसूचित किया गया था।
OK