निवेश और बचत में अंतर: जानिए कैसे बनाएं आर्थिक सुरक्षित भविष्य
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निवेशक चाहे अनुभवी हो या फिर नया, उनका लक्ष्य यही रहता है के अपने पैसे को सही जगह पर उपयोग किया जाए, जितना हो सके बचाया जाए और फिर निवेश कर उसको बढ़ाया जाए।

पैसे बचाना और निवेश करना पूरी तरह से भिन्न है, अलग-अलग निवेशकों की अलग अलग प्राथमिकता रहती है। इससे पहले कि आप अपने पैसे को बढ़ाने और आर्थिक स्वतंत्रता की ओर अपना पहला कदम बढ़ाएं, आपको बचत और निवेश के बीच के अंतर को सही तरह से समझना चाहिए।

बचत क्या है?

अपनी कमाई का पूरा हिस्सा खर्च नहीं करके, उसे किसी भी भविष्य के खर्च या आपातकालीन स्थिति के लिए रखने की क्रिया को बचत कहा जाता है। सही बचत वह है जिसे आवश्यकता पढ़ने पर बिना किसी समस्या के उपयोग किया जा सके। इस पैसे को उपयोग करने में कोई जोखिम नहीं होता है।

निवेश क्या है?

चलिए अब जानते हैं निवेश क्या है, जब भी अपने बचाए गए पैसों से ऐसी संपत्ति को खरीदा जाए जिसकी समय से साथ कीमत के बढ़ने के आसार हो, उसे कहते हैं अपने पैसों को निवेश करना।

निवेश का मूल लक्ष्य होता है की आपके पैसों की ग्रोथ हो, आज जो आपने निवेश किया है, आने वाले समय में आपको उस पर अच्छा रिटर्न भी मिले।

बचत और निवेश दोनों समान कैसे हैं?

जैसा की ऊपर बताया गया है, निवेश और बचत में काफी अंतर है फिर भी दोनों में कुछ चीजें एक समान है। बचत और निवेश में एक समान लक्ष्य है: ये दोनों ही ऐसी रणनीति हैं जो आपको पैसे जमा करने में मदद करती हैं।

मशहूर वित्तीय विशेषज्ञ और 'रिटायर इंस्पायर्ड' के लेखक क्रिस होगन कहते हैं कि “सबसे महत्वपूर्ण होता है कि भविष्य के लिए पैसे जमा किए जाएँ"। इन दोनों में ही पैसे जमा करने के लिए एक वित्तीय संस्थान के साथ विशेष खाते का उपयोग किया जाता है। जैसे की बचत के लिए लोग सेविंग अकाउंट का प्रयोग करते हैं और सुरक्षित निवेश के लिए फ़िक्स्ड डिपॉज़िट। कोटक महिंद्रा बैंक में आपको दोनों ही तरह के खातों पर अच्छे ब्याज दर मिल सकते हैं, जिससे आप अपने पैसे को बढ़ा सकते हैं।

बचतकर्ता और निवेशकर्ता दोनों ही यह भी समझते हैं कि पैसे बचाना कितना ज़्यादा महत्वपूर्ण है।

प्रकार बचत और निवेश
लक्ष्य पैसे जमा करने में मदद करना
जमा करने का तरीका वित्तीय संस्थान के साथ विशेष खाते का उपयोग
समर्थन सबसे महत्वपूर्ण है कि भविष्य के लिए पैसे जमा किए जाएं।
सुरक्षा सुरक्षित निवेश के लिए फिक्स्ड डिपॉज़िट और सेविंग अकाउंट

बचत और निवेश दोनों बीच क्या अंतर है

बचत और निवेश दोनों ही शानदार वित्तिया रणनीति हैं जो आपको आर्थिक सुरक्षा प्राप्त करने में मदद करती हैं। आइए बचत बनाम निवेश के बीच अंतर को समझें।

  • लक्ष्य: बचत को एक अल्पकालिक लक्ष्य कहा जा सकता है जिसका उपयोग आपातकालिक स्थितियों और आवश्यक खरीदारियों के लिए किया जा सकता है। इसमें ज़्यादा रिसर्च की आवश्यकता नहीं है। दूसरी ओर निवेश दीर्घकालिक लक्ष्य के लिए किया जाता है जैसे कि आपके बच्चे की शिक्षा के लिए किया गया निवेश, अपने सपने का घर जैसे बड़े उद्देश्य आदि।
  • जोखिम: बचत में जोखिम बहुत कम होता है। फ़िक्स्ड डिपॉज़िट, रिकरिंग डिपॉज़िट, और पारंपरिक बचत बैंक खाते आपको स्थिर ब्याज प्रदान करते हैं, जिससे कि आपके पैसे सुरक्षित भी रहते हैं। वहीं, निवेशों में जोखिम होता है क्योंकि उनका मूल्य बाज़ार की स्थिति और अन्य आर्थिक परिस्थितियों और वित्तीय कारकों पर निर्भर करता है। जब बाज़ार की स्थिति कमज़ोर हो जाती है तो निवेश के मूल्य पर भी उसका नेगटिव असर पड़ता है। वहीं जब बाज़ार की स्थिति मज़बूत होती है तो निवेश किया गया पैसा बढ़ता है।
  • रिटर्न्स: आप अपनी बचत पर एक निश्चित और नियमित मात्रा में ब्याज अर्जित करते हैं। दूसरी ओर, निवेश में रिस्क के साथ साथ बहुत अधिक रिटर्न मिलने की संभावना होती है।
प्रकार बचत निवेश
लक्ष्य आपातकालीन लक्ष्य, आपातकालीन स्थितियों के लिए। दीर्घकालिक लक्ष्य, बड़े उद्देश्यों के लिए।
जोखिम कम (ज्यादा सुरक्षित) अधिक (बाजार के परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में)
रिटर्न्स स्थिर और नियमित ब्याज अधिक रिस्क के साथ अधिक रिटर्न की संभावना
उदाहरण फिक्स्ड डिपॉज़िट, बैंक बचत खाता स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड्स, इंवेस्टमेंट प्रॉपर्टी

बचत या निवेश में से कौन सा बेहतर विकल्प है?

एक सवाल जो लोग सबसे अधिक पूछते हैं कि क्या उन्हें बचत करनी चाहिए या निवेश। इस सवाल का उत्तर इस बात पर निर्भर करेगा कि आपकी वित्तीय स्थिति, लक्ष्य, और जोखिम सहिष्णुता क्या है।

एक युवा के आय और खर्च सीमित हो सकते है, लेकिन बचत और निवेश के बारे में सोचना एक अच्छा निर्णय है। वास्तव में, जल्दी शुरू करना आपको समय के साथ समृद्ध बनाने में लाभदायक होता है। निवेश आपको दीर्घकालिक लक्ष्यों की पूर्ति में मदद करता है, जैसे कि कॉलेज के लिए या रिटायरमेंट के लिए बचत करना।

वहीं दूसरी ओर किसी भी गृहस्थ के लिए लॉन्ग टर्म के साथ एमरजेंसी और शॉर्ट टर्म में भी पैसे होने चाहिए ताकि ज़रूरत आने पर तुरंत बचत किये हुए पैसों का इस्तेमाल किया जा सके। तो दोनों परिस्थिति देखकर ये कहना ठीक होगा के हर किसी के लिए बचत और निवेश का संतुलन बनाकर अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार आगे बढ़ना ही सही निर्णय होगा।

और पढ़ें : निवेश क्या है ? निवेश के प्रकार

निष्कर्ष

निवेशक को अपने पैसे को सही जगह पर उपयोग करना चाहिए। पैसे बचाना और निवेश करना पूरी तरह से विभिन्न होते हैं, अलग-अलग निवेशकों की अलग अलग प्राथमिकता होती है। इसीलिए आर्थिक तौर पर मज़बूत होने के लिए ज़रूरी है की निवेश और बचत में जो अंतर हैं उनको समझकर तय किया जाए की आपकी मौजूदा स्थिति के अनुसार क्या प्राथमिकता होनी चाहिए।

निवेशक अगर मौजूदा चुनौतियों और भविष्य के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर एक सही रणनीति तैयार करें और संतुलित बचत और निवेश करें तो वह आसानी से आर्थिक रूप से सुरक्षित हो सकते हैं और जीवन के बाकी लक्ष्यों की पूर्ति कर सकते हैं।

कई वित्तीय संस्थान जैसे की कोटक महिंद्रा बैंक बचत और निवेश, दोनों के लिए ही कई तरह के विकल्प प्रदान करते हैं जैसे की फ़िक्स्ड डिपॉज़िट, सेविंग अकाउंट, म्यूचुअल फ़ंड आदि, जिनकी मदद से आप बचत और निवेश कर सकते हैं।

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